आपका PF अकाउंट खुल गया है और सैलरी से रुपये भी कटने लगे हैं तो आपको एक काम तुरंत कर लेना चाहिए। आपको अपने PF अकाउंट को आधार कार्ड से तत्काल लिंक करवा लेना चाहिए। इससे आप भविष्य में होने वाली परेशानियों से बच जाएंगे। हम आपको PF को आधार कार्ड से लिंक करने का तरीका बताएंगे।
इससे पहले आप जान लीजिए कि PF अकाउंट को आधार कार्ड से लिंक न करवाने के कारण दिक्कत क्या-क्या आती है। सबसे बड़ी प्राब्लम है क्लेम की। आप PF अकाउंट से पैसे नहीं निकाल सकते। अब PF अकाउंट को बंद करके रुपये निकालने के लिए आधार कार्ड लगाना ही होता है।
अगर आपको सर्विस के बीच में लोन लेना है तो भी बिना आधार कार्ड के काम नहीं होगा। वैसे नियोक्ता तो आपसे आधार कार्ड जमा करने को कहेगा ही, लेकिन कई बार कर्मचारी भूल कर जाते हैं। नियोक्ता का मतलब आपकी कंपनी से है।
PF अकाउंट को मर्ज करने, यूनिवर्सल अकाउंट नंबर हासिल करने, लोन लेने में भी आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आपके PF अकाउंट से पैन कार्ड नंबर, यूएएन व बैंक अकाउंट को लिंक्ड होना चाहिए। तो चलिए आप खुद ही अपने पीएफ अकाउंट को आधार कार्ड से लिंक करने का तरीका जान लीजिए।
PF को आधार से लिंक करने का तरीका
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ ने आधार कार्ड को PF से लिंक करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरूकर दी है।
- सबसे पहले आपको दिए गए लिंक www.epfindia.gov.in पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप लिंक को क्लिक करेंगे ईपीएफओ की ऑफिशियल वेबसाइट ओपन हो जाएगी।
- इसके बाद आपको ईकेवाईसी का सेक्शन नजर आएगा। आपको इसको लॉग इन करना होगा। इसी के नीचे आपको लिंक का ऑप्शन दिखेगा। इसको क्लिक करें।
- इसके लिए आपके पास यूएएन होना चाहिए। यूएएन को कैसे क्रिएट करना है, यह जानने के लिए यहां क्लिक करें।
- यूएएन प्राप्त करने के बाद आप वेबसाइट पर यूएएन को फीड करें। इसके बाद आपको यूएएन से लिंक्ड मोबाइल नंबर को फीड करना होगा।
- इसके बाद क्रिएट वन टाइम पासवर्ड यानि ओटीपी के ऑप्शन को क्लिक करें। ओटीपी आपके मोबाइल नंबर पर आएगा।
- ओटीपी को भरने के बाद आपको अपना आधार कार्ड नंबर भरना होगा। आधार कार्ड से आपके मोबाइल नंबर को भी लिंक्ड होना चाहिए।
- 12 अंकों के आधार कार्ड नंबर को भरने के बाद सबमिट का बटन दबा दें। इसके बाद ओटीपी वैरीफिकेशन नंबर आएगा। इस पर क्लिक करें।
- आपको एक बार फिर से आधार डिटेलस के वैरीफिकेशन के लिए अपने आधार लिंक मोबाइल पर मेल या ओटीपी को जेनरेट करना होगा।
- एक बार वैरीफिकेशन हो जाने के बाद आपका पीएफ अकाउंट आधार कार्ड से लिंक हो जाएगा।
- एक बात अच्छी तरह से जान लें कि आपको ओटीपी जेनरेट करने के प्रोसेस को दो बार करना है। इसलिए कन्फ्यूज न हों।
PF कटौती की प्रक्रिया
- अब PF की कटौती कैसे होती है, इसके बारे में भी जान लीजिए। कंपनी आपके वेतन से 12 प्रतिशत की कटौती कर इसे PF अकाउंट में जमा करेगी।
- जितने रुपये आपकी सैलरी से काटे जाते हैं, उतने ही रुपये नियोक्ता यानि आपकी कंपनी भी पीएफ अकाउंट में जमा करती है। इस तरह से आपके पीएफ अकाउंट में सैलरी 24 प्रतिशत जमा होता है।
- आपके पीएफ अकाउंट में कंपनी भी आपकी तरह 12 प्रतिशत का योगदान देती है। अगर आप पुराने कर्मचारी हैं तो यह प्रक्रिया चल रही है। यह ऐसा लाभ है जिसके बारे में कर्मचारियों काे कम ही पता होता है।
- उदारीकरण के बाद कंपनियां कॉस्ट टू कंपनी के आधार पर नौकरी आपको देती हैं। यह एक तरह का कांट्रैक्ट होता है। कंपनियां अपने 12 प्रतिशत के अंशदान को भी कर्मचारी के वेतन में जोड़कर दिखाती हैं। इसको नियुक्ति पत्र में बकायदा मेंशन किया जाता है।
- जिन कर्मचारियों को कॉस्ट टू कंपनी बेसिस पर नौकरी दी जाती है, उनकी सैलरी से 24 प्रतिशत की कटौती कर रुपये PF अकाउंट में हर महीने जमा किए जाते हैं। इसलिए कटौती ज्यादा होने पर आप परेशान न हों।
- पीएफ हमेशा बेसिक सैलरी पर काटा ही जाता है। कर्मचारियों को मिलने वाले वाहन, मकान या अन्य भत्तों से कटौती नहीं की जाती है। इसलिए हो सकता है कि टोटल सैलरी से कुछ कम कटौती हो। इसलिए कन्फ्यूज न हों।
- कॉस्ट टू कंपनी नियम पर रखे गए कर्मचारियों के टोटल सैलरी से 24 प्रतिशत से कम रुपये काटकर पीएफ अकाउंट में जमा किए जाएंगे।
- अगर कर्मचारी के डेढ़ लाख रुपये कम पीएफ अकाउंट में जमा हो रहे हैं तो वे आयकर में छूट के हकदार बन सकते हैं। अगर कटौती डेढ़ लाख रुपये सालाना से कम होती है तो आप पीपीएफ अकाउंट, राष्ट्रीय पेंशन योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, इक्विटी लिंक्ड जैसी बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
PF अकाउंट पर ब्याज का नियम
जिन कर्मचारियों का वेतन कम होता है कि उनके मन में कटौती को लेकर हमेशा भ्रम बना रहता है। उनको लगता है कि वेतन पूरा मिलता तो ज्यादा बेहतर होता। वे अपने खर्चों को पूरा करके कुछ रुपये बचाकर खुद ही कहीं पर इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह सोच सही नहीं है। अन्य बचत योजनाओं की तुलना में PF पर ब्याज की दर हमेशा ज्यादा रहती है। मार्केट डाउन रहने पर भी पीएफ पर सबसे ज्यादा ब्याज दिया जाता है।
इस वक्त 8.65 प्रतिशत ब्याज पीएफ अकाउंट पर दिया जा रहा है जो अन्य योजनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा है। बाकी की बचत योजनाओं पर इतना ब्याज नहीं दिया जाता है। अब बैंक में एफडी पर भी सात प्रतिशत या इससे कम ब्याज दिया जा रहा है। इंट्रेस्ट पर टीडीएस की कटौती भी होती है। आने वाले दिनों में एफडी की ब्याज दर में और भी कटौती हो सकती है।
पीएफ के नाम पर होने वाली कटौती को जबर्दस्ती की जाने वाली बचत कह सकते हैं। जब आप रिटायर होते हैं या नौकरी छोड़ते हैं तो आपको काफी रुपये मिल जाते हैं जिससे आपको परिवार का खर्च चलाने में मदद मिलती है।
पीएफ में कंपनियां भी 12 प्रतिशत का योगदान देती हैं। कंपनी के अंशदान में से 3.67 प्रतिशत रकम कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जमा की जाती है। नियोक्ता के अंशदान का 8.33 प्रतिशत हिस्सा इंप्लाई पेंशन स्कीम में जाता है। जब कर्मचारी 58 वर्ष का होने के बाद रिटायर होते हैं तो इसी फंड से उनको मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।