आपके पास ट्रक हो या मोपेड। अगर गाड़ी सड़क पर है तो आपके पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यानि पीयूसी होना चाहिए। यह सर्टिफिकेट बताता है कि आपकी गाड़ी का प्रदूषण नियंत्रण सीमा के अंतर्गत है। आप किसी भी राज्य के रहने वाले हों, वहां के आरटीओ ऑफिस या पेट्रोल पंप पर स्थित प्रदूषण जांच केंद्र से पीयूसी बनवा सकते हैं। मशीन से प्रदूषण की जांच होगी और फोटो भी खींची जाएगी। अगर बिना पीयूसी के गाड़ी चलाते आप पकड़े गए तो भारी जुर्माना देना होगा।
कामर्शियल वाहनों के चालकों को तो अनिवार्य रूप से पीयूसी साथ रखना होता है। कामर्शियल गाड़ियों का फिटनेस साल में एक बार होता है और उनका चक्कर आरटीओ ऑफिस लग जाता है लेकिन प्राइवेट गाड़ियों के मालिक इस पर ध्यान नहीं देते। सौ में 90 प्राइवेट गाड़ियां बिना पीयूसी के ही चलाई जा रही हैं। अब स्थिति वैसी नहीं रही। बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के पकड़े जाने पर तगड़ा जुर्माना देना होगा। इसलिए देरी न करें और फटाफट सर्टिफिकेट बनवा लें।
पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट बनवाने की पूरी जानकारी । How to get pollution control certificate
- हर राज्य के अपने नियम होते हैं लेकिन केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली को सबको मानना पड़ता है। नया एक्ट एक सितंबर से लागू हो गया है।
- इसमें पीयूसी न होने पर गाड़ी चालक पर तगड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अब तक पीयूसी को लेकर ट्रैफिक पुलिस, लोकल पुलिस व आरटीओ सख्ती नहीं करते थे।
- नए नियम लागू होने के बाद से पीयूसी को भी चेक किया जा रहा है। अधिकांश लोगों के पास इसकी जानकारी तक नहीं होती।
- लोगों का चालान कट जाता है और उनको मोटा जुर्माना देना पड़ रहा है।
- पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको बहुत भागदौड़ नहीं करनी होगी। इसकी वैद्यता भी छह महीने की होती है।
- पीयूसी सर्टिफिकेट आरटीओ ऑफिस पर निर्धारित शुल्क जमा कर बनवाया जा सकता है। दिल्ली में पेट्रोल गाड़ी के लिए 35 रुपये व डीजल के लिए 50 रुपये का शुल्क निर्धारित है।
- दिल्ली के अधिकांश पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र भी बने हुए हैं। ऐसा ही अन्य राज्यों में भी है।
- कुछ राज्यों में फीस दिल्ली के बराबर है तो कुछ में ज्यादा। यूपी में मनमानी की शिकायतें भी आ रही हैं। यहां डीजल गाड़ियों के पीयूसी के लिए 80 से 100 और पेट्रोल के लिए 35 से 60 रुपये तक लिए जाते हैं।
- रेट भले ही अलग-अलगग हों लेकिन आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट होना जरूरी है।
- अब इसमें भी फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता। आपको गाड़ी लेकर प्रदूषण जांच केंद्र पर जाना ही पड़ेगा।
- अब नई तकनीक की मशीनें लग गई हैं जिसमें प्रदूषण की जांच के वक्त गाड़ी की फोटो भी खींची जाती है। इसमें नंबर प्लेट दिखती है। आपको जो प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा, उसमें गाड़ी की फोटो भी होगी।
- पहले शिकायतें मिलती थीं कि बिना जांच किए पीयूसी सर्टिफिकेट वाहन चालकों को प्रदान किए जाते हैं।
- अब तो हर छोटे, बड़े शहर या कस्बों तक में प्रदूषण जांच केंद्र खुल गए हैं। अगर आप जुर्माने से बचना चाहते हैं तो तत्काल पीयूसी सर्टिफिकेट बनवा लें।
- आप एक शहर से दूसरे शहर जा रहे हैं तब तो गाड़ियों की जरूर जांच होगी। वहां पर आपका चालान पीयूसी न होने पर कट सकता है।
- प्रदूषण जांच केंद्रों की जानकारी आपको आरटीओ ऑफिस से मिल सकती है। अन्य जानकारी के लिए आप सड़क परिवहन मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट सारथी पर जा सकते हैं। सारथी पर जाने के लिए यहां पर क्लिक करें।