
एक सवाल का जवाब दीजिए। आपकी उम्र अभी 18 साल नहीं हुई है और आपको दो पहिया गाड़ी की जरूरत पड़ती है तो क्या करेंगे? आपका जवाब बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना नहीं होना चाहिए। अब बताइए? कोई जवाब नहीं सूझ रहा। कोई बात नहीं। अगर आप 18 साल से पहले गाड़ी चलाना चाहते हैं तो आपके पास एक ऑप्शन है।
आप मोपेड यानि 50 सीसी से कम क्षमता की गाड़ी का ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं। जिस गाड़ी की क्षमता 50 सीसी से कम है, उसके लिए लाइसेंस बनवाने की न्यूनतम उम्र 16 साल है। इस लाइसेंस के जरिए आप कम से कम 50 सीसी से कम क्षमता वाली गाड़ी को चलाने के लिए पात्र हो जाएंगे। 50 सीसी से कम क्षमता का लाइसेंस बनवाने के लिए आपको दो बार टेस्ट देना होगा। पहले आपका लर्निंग लाइसेंस बनेगा।
इसके बाद आपको गाड़ी चलाना सीखने के लिए छह महीने का समय मिलेगा। ड्राइविंग सीखने के बाद आपको फिर से टेस्ट देना होगा। पास होने के बाद पर्मानेंट लाइसेंस आपके स्थायी पते पर भेज दिया जाएगा। आपको लाइसेंस बनवाने के लिए पहले आरटीओ ऑफिस में अप्वाइंटमेंट लेना होगा। इसका लिंक आपको इसी आर्टिकल में मिलेगा।
आरटीओ ऑफिस जाना होगा | Will have to go to RTO office
आप 50 सीसी से कम क्षमता की गाड़ी के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं तो यह बात अच्छी तरह से जान लें कि इसके लिए आपको खुद आरटीओ ऑफिस के लाइसेंसिंग अफसर के समक्ष उपस्थित होना ही होगा। इस भुलावे में न रहें कि कोई आपका लाइसेंस घर बैठे बनवा देगा।
लाइसेंस बनाने के पहले सारे डॉक्यमेंट्स का वेरिफिकेशन होता है और आपको बायोमेट्रिक निशान भी देना पड़ता है। लाइसेंस बनने के पहले आपकी एक फोटो भी वेबकैम से ली जाती है। अगर व्यक्ति खुद मौजूद नहीं है तो यह सारी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो सकतीं। ऐसे मेें जो व्यक्ति आपको घर बैठे लाइसेंस बनवाने का झांसा दे रहा है, वह पक्का फ्राड है। वह आपका पैसा खा जाएगा और फर्जी लाइसेंस थमा देगा।
ऐसे लाइसेंस के साथ ड्राइविंग करते आप पकड़े गए तो जुर्माना तो देना पड़ेगा ही, एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। इसलिए एक बात को अच्छी तरह से समझ लें। अगर आपको लाइसेंस बनवाना है तो खुद आरटीओ ऑफिस जाना ही होगा। इसके अलावा आपके पास कोई विकल्प नहीं है।
लाइसेंस के लिए जरूरी पेपर्स | necessary document
- आयु प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- हाईस्कूल का सर्टिफिकेट
- स्कूल की ओर से जारी की गई टीसी
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
पते का प्रमाण पत्र | Address proof
- आधार कार्ड
- हाउस रेंट एग्रीमेंट
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी कार्ड
- एलआईसी बांड
- राशन कार्ड
- बिजली का बिल
- टेलीफोन का बिल
- एलपीजी कनेक्शन बुक
इन पेपर्स की भी पड़ेगी जरूरत | These papers will also need
- लर्निंग लाइसेंस के लिए छह पासपोर्ट साइज की रंगीन फोटो साथ लेकर आएं
- पर्मानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एक अतिरिक्त नवीनतम रंगीन फोटो साथ लाएं
- आवेदन के लिए निर्धारित फीस
लिए जाएंगे बायोमेट्रिक निशान | Biometric Marks Will Be Taken
फार्म को भर लेने के बाद इसको निर्धारित काउंटर पर जमा कर दें। इसके लिए आपको ऑनलाइन लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। लिखित परीक्षा के पहले आपके बायोमेट्रिक निशान लिए जाएंगे और वेबकैम से फोटो खींची जाएगी। सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होती हैं।
यानि आरटीओ के मुख्यालय में बैठे अफसरों के पास जानकारी होती है कि किस व्यक्ति ने लर्निंग टेस्ट के लिए आवेदन किया है। बायोमेट्रिक निशान लेने के बाद आपको टेस्ट रूम में भेजा जाएगा। वहां पर आपको ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। इसमें आपसे ड्राइविंग से जुड़े ही सवाल पूछे जाएंगे।
सभी सवाल ऑब्जेक्टिव होते हैं। यानि कि हर प्रश्र के साथ चार विकल्प होंगे जिसमें से सही को आपको चुनना है। सवाल रोड साइन, ट्रैफिक रूल्स से जुड़े हुए भी हो सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है तो उसका लाइसेंस नहीं बन सकता। क्योंकि जवाब देने के लिए उसको हेल्पर नहीं मिलेगा। टेस्ट की प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड भी की जाती है।
टेस्ट के बाद आएगा रिजल्ट | Result declare after test
ऑनलाइन टेस्ट के कुछ ही देर बाद रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। अगर आप टेस्ट में पास हो जाएंगे तो उसी दिन आपको लर्निंग लाइसेंस बनाकर दे दिया जाएगा। लर्निंग लाइसेंस सिर्फ छह महीने के लिए मान्य होता है। इस अवधि में आपको ड्राइविंग के वक्त अपनी गाड़ी के आगे व पीछे एल लिखवाना होगा।
लर्निंग लाइसेंस धारक अगर एल प्लेट नहीं लगाएंगे तो यह भी नियम का उल्लंघन होगा। पकड़े जाने पर उनका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। छह महीने का वक्त लोगों को ड्राइविंग सीखने के लिए दिया जाता है। ड्राइविंग सीखने के लिए आप आरटीओ की ओर से अधिकृत ड्राइविंग स्कूल की भी मदद ले सकते हैं।
ऐसे लें अप्वाइंटमेंट
- सबसे पहले आपको आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अप्वाइंटमेंट लेना होगा। अप्वाइंटमेंट ऑनलाइन लेना होगा।
- इसके लिए आपको भारत सरकार की सारथी वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद राज्य व जिले का चयन करना होगा। दिए गए निर्देशों का पालन कर अप्वाइंटमेंट ले लें।
- आपको फोटो के साथ ही डॉक्यूमेंट्स भी अपलोड करने होंगे। आप निर्धारित तिथि व समय पर पहुंचकर लिखित व ड्राइविंग टेस्ट दें।
- आपको पर्मानेंट लाइसेंस बनवाते समय भी ऐसी ही प्रक्रिया से गुजरना होगा। आपको पहले लर्निंग लाइसेंस मिलेगा जिसके छह महीने बाद पर्मानेंट लाइसेंस प्रदान किया जाएगा।
- आपका पर्मानेंट लाइसेंस तभी बनेगा जब आप ड्राइविंग टेस्ट में पास होंगे।
- अप्वाइंटमेंट लेने के लिए यहां पर क्लिक करें।
पूरे देश में चला सकते हैं वाहन | Driving in whole country
50 सीसी से कम क्षमता की बाइक का पर्मानेंट ड्राइविंग लाइसेंस आपको राज्य सरकार की लाइसेंसिंग अथारिटी जारी करती है लेकिन इसकी मान्यता पूरे देश के लिए होती है। उत्तर प्रदेश में बना ड्राइविंग लाइसेंस लेकर आप पूरे देश में कहीं भी ड्राइविंग कर सकते हैं।
आपको कोई रोकेगा टोकेगा नहीं। अब तो एटीएम की तरह ही चिप लगे ड्राइविंग लाइसेंस बनने लगे हैं। चिप में आपका सारा डाटा दर्ज होता है। लाइसेंस में आपके जिले का नंबर लिखा होता है और फिर लाइसेंस का नंबर होता है। जैसे कि आप इलाहाबाद के रहने वाले हैं तो लाइसेंस के नंबर की शुरुआत यूपी 70 से होगी।
मुंबई के हैं तो एमएच से। इससे पता चल जाता है कि लाइसेंस किस राज्य और किस जिले से जारी किया गया है। दूसरे राज्यों की पुलिस व लाइसेंसिंग अथारिटी भारत सरकार के पोर्टल से लाइसेंस धारक की पूरी डिटेल भी पता लगा सकती है। अगर आपने कभी एक्सीडेंट किया होगा या रूल तोडऩे पर चालान हुआ होगा तो यह भी आपके लाइसेंस के नंबर साथ पोर्टल में दर्ज होगा।
यानि आप नियम तोडक़र बच नहीं सकते। आप बार-बार नियम तोड़ेंगे तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। बायोमेट्रिक निशान व वेबकैम से फोटो पहले ही ले ली जाती है। यदि आप भारत में किसी भी राज्य से अगर नए लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे तो पकड़े जाएंगे।
बहुत काम का है लाइसेंस | Licence is very useful
कुछ साल पहले जब कागज पर ड्राइविंग लाइसेंस बनते थे तो इसको पहचान के प्रमाण पत्र के तौर पर माना नहीं जाता था। बड़ी संख्या में फर्जी लाइसेंस भी बन गए थे। अब ऐसा नहीं है। आपको चिप लगा लाइसेंस मिलता है जिसमें पता, उम्र व नाम दर्ज होता है।
आप नए ड्राइविंग लाइसेंस को भारत में कहीं पर भी प्रमाण पत्र के तौर पर लगा सकते हैं। यह हर जगह मान्य है। ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से भी जोड़ा जाएगा। इसके बाद तो नियम को तोडऩे पर कड़ी सजा भी मिलेगी। आधार से लिंक हो जाने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी सारी जानकारियां भारत सरकार के पास मौजूद होंगी।