अगर आप सऊदी अरब में रोजगार पाने के लिए जाना चाहते हैं तो आप आजाद वीजा हासिल कर सकते हैं। आजाद वीजा की अलग-अलग खास बातें हैं, जिसकी वजह से इसकी डिमांड ज्यादा है। यह काफी महंगा भी होता है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आजाद वीजा क्या है और आप इसे कैसे हासिल कर सकते हैं।
क्या है आजाद वीजा
आजाद वीजा भी वर्किंग वीजा की तरह ही होता है। कंपनी के जरिए ही आजाद वीजा को हासिल किया जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि आजाद वीजा हासिल करने के बाद आप किसी कंपनी के मातहत नहीं रहते हैं। यानी आजाद वीजा तो कंपनी ही जारी करती है, लेकिन कंपनी की ओर से आपको घूम-घूम कर खुद का काम करने की आजादी होती है। बस कंपनी को इसके लिए अलग से पैसे देने होते हैं।
कंपनियां देती हैं छूट
आजाद वीजा वो लोग निकालते हैं, जो हुनरमंद होते हैं। मान लीजिए कोई प्लंबर है, कारपेंटर है, इलेक्ट्रीशियन है, मैकेनिक है या फिर ड्राइवर है। वे किसी की मातहती में काम नहीं करना चाहत हैं। ऐसे लोग आजाद वीजा की डिमांड करते हैं, ताकि वे घूम-घूम कर अपना खुद का काम कर सकें। इसके लिए कंपनी उन्हें अपने वीजा पर सऊदी अरब बुलाती है और ज्यादा पैसे लेकर खुद का काम करने की छूट देती है। ऐसे लोग उस कंपनी के कर्मचारी माने जाते हैं, लेकिन काम कंपनी के लिए नहीं करते हैं।
खुद निकालना होता है वीजा
आजाद वीजा खुद निकालना होता है। इसके लिए सऊदी अरब में किसी बड़ी कंपनी के संपर्क में आना होता है। कंपनी के लिए ऑनलाइन इंटरव्यू देना होता है। कभी-कभी कंपनी की ओर से भारत में इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी की जाती है, जहां लोगों को कंपनी का वीजा उपलब्ध कराया जाता है। लोग यहां कंपनी की तरफ से आजाद वीजा हासिल कर लेते हैं और फिर सऊदी अरब में आजादी के साथ काम करने के लिए छूट मिलती है।
एक लाख रुपये तक का होता है वीजा
आजाद वीजा बहुत महंगा होता है। कंपनियों को इसमें बहुत फायदा होता है, इसके लिए लोगों से बड़ी हुई रकम वसूल की जाती है। कुछ कंपनियां आजाद वीजा के लिए एक लाख रुपये तक वसूल करती हैं, जबकि कुछ छोटी कंपनियां 75 हजार रुपये में ही वीजा दे देती हैं। आपको कंपनी के प्रोफाइल के हिसाब से ही वीजा एलाट किया जाएगा। यानी अगर आप प्लंबर हैं तो वीजा का प्रोफाइल भी प्लंबर ही होगा। वीजा हासिल करने के बाद आप कंपनी के काम न करके जगह-जगह पर काम करने के लिए आजाद होंगे।
दो साल तक होती है वैद्यता
आमतौर पर आजाद वीजा की वैद्यता दो साल होती है। दो साल के बाद आपको वीजा की डेट बढ़वाना होता है। इसके लिए आपको अलग से पैसे देने होते हैं। वीजा की वैद्यता बढ़वाने का काम भी कंपनी का ही होता है। वीजा की वैलिडिटी बढ़ने के बाद आप तय मियाद तक फिर से सऊदी अरब में रहकर काम कर सकते हैं। यह आपके पासपोर्ट की वैद्यता पर भी निर्भर करता है।
फ्रेंचाइजी कंडक्ट कराती हैं इंटरव्यू
यूएई, सऊदी अरब, कुवैत, कतर जैसे देशों में मौजूद कई बड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने भारत में इंटरव्यू कराने के लिए फ्रंचाइजी हायर कर रखी हैं। भारत में यह काम एजेंसियां करती हैं। वे अपने स्तर पर मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में इंटरव्यू कंडक्ट कराती हैं। यहां चयन होने के बाद वे खाड़ी देशों में मौजूद कंपनियों को कामगारों की जानकारी देती हैं। इसके बाद कंपनी की तरफ से बाई नेम वीजा जारी किया जाता है। कंपनियां लोगों को आजाद वीजा भी उपलब्ध कराती हैं।
मेडिकल टेस्ट में पास होना जरूरी है
आजाद वीजा पर खाड़ी देशों में काम करने के लिए मेडिकल टेस्ट भी होता है। मेडिकल टेस्ट पास किए बिना वीजा जारी नहीं होगा। कई बार आपको भारत में तो मेडिकल टेस्ट कराना होता ही है, इसके बाद सऊदी अरब या फिर यूएई पहुंचने के बाद वहां नए सिरे से मेडिकल टेस्ट देना होता है। मेडिकल टेस्ट में पास होने के बाद ही आपको काम पर रखा जा सकता है। मेडिकल टेस्ट में गंभीर बीमारियों को ही ध्यान में रखा जाता है। चेस्ट का एक्सरे, ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट वगैरह होता है। अगर आपको कोई गंभीर रोग नहीं है तो मेडकिल टेस्ट में आमतौर पर पास कर दिया जात है।