विदशों में काम करने के लिए आपको वर्किंग वीजा की जरूरत पड़ती है। वर्किंग वीजा के बगैर आप विदेशों में काम नहीं कर सकते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि वर्किंग वीजा क्या है और आप इसे किस तरह हासिल कर सकते हैं।
क्या है वर्किंग वीजा
वर्किंग वीजा एक तरह से परमिशन लेटर है। अगर आपको यह वीजा मिल गया तो उस देश में रहकर काम कर सकते हैं, जहां के लिए वीजा जारी किया गया है। खाड़ी देश हो, अमेरिका या फिर यूरोप, यहां जो भी भारतीय कामगार हैं, वर्किंग वीजा लेकर ही गए हैं।
कंपनी के नाम से जारी होता है वीजा
वर्किंग वीजा जारी करने का काम कंपनियों का होता है। विदेशों में मौजूद कंपनियों को कामगारों की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें सरकार की तरफ से वर्किंग वीजा जारी करने की छूट होती है। कुछ वीजा अलग-अलग कामगारों के नाम पर निकाले जाते हैं, जबकि कुछ लेबर वीजा के नाम से निकाले जाते हैं, जिनपर कोई भी उस देश में काम करने के लिए जा सकता है, जहां के लिए वीजा जारी किया गया है।
दस साल तक होती है मियाद
वर्किंग वीजा की मियाद छह महीने से लेकर दस साल तक होती है। अगर आपने दस साल तक का वीजा निकाल लिया तो आप विदेश में इस दौरान रहकर काम कर सकते हैं। वर्किंग वीजा के नाम पर गवर्नमेंट अंडरटेकिंग कंपनियों में भी काम करने का मौका मिल सकता है।
डायरेक्ट वर्किंग वीजा भी मिल सकता है
अगर आप डायरेक्ट वर्किंग वीजा हासिल करना चाहते हैं तो यह भी मुमकिन है। इसके लिए आपको पहले विजिट वीजा इश्यू कराना होगा। विजिट जारी होने के बाद आप उस देश में जाकर नौकरी ढूंढेंगे। अगर इस दौरान किसी कंपनी में नौकरी मिल गई तो कंपनी की तरफ से आपके लिए वर्किंग वीजा जारी कराया जाएगा। वर्किंग वीजा जारी होने के बाद आपको फिर से भारत आना होगा। इसके बाद वर्किंग वीजा के नाम पर दोबारा विदेश जा सकते हैं।
वीजा कनवर्ट भी होता है
वीजा को एक्सचेंज भी कराया जा सकता है। अगर आप विजिट वीजा पर किसी देश में काम ढूंढने के लिए गए हैं और तय समय में ही आपको किसी कंपनी में काम मिल गया। अब अगर कंपनी चाहेंगी तो आपके विजिट वीजा को वर्किंग वीजा में एक्सचेंज कराकर सीधे काम पर रख सकती है। ऐसी कंडीशन में आपको भारत आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इंटरव्यू प्रोसेस से गुजरना होगा
अगर आप सीधे कंपनी के वीजा पर खाड़ी देश में काम करने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको कई तरह की प्रक्रिया से गुजरना होगा। अव्वल यह कि आप खाड़ी देशों में मौजूद किसी भी कंपनी के लिए ऑनलाइन इंटरव्यू दें। आपका चयन हो गया तो कंपनी आपके नाम से वीजा जारी कराकर आपको बाई पोस्ट या फिर मेल पर भेज देगी। इसके बाद आप सीधे उस देश के लिए उड़ान भर सकते हैं, जहां के लिए वीजा जारी हुआ है।
फ्रेंचाइजी भी इंटरव्यू कंडक्ट कराती हैं
इसी तरह यूएई, सऊदी अरब, कुवैत, कतर जैसे देशों में मौजूद कई बड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने भारत में इंटरव्यू कराने के लिए फ्रेंचाइजी हायर कर रखी हैं। भारत में यह काम एजेंसियां करती हैं। वे अपने स्तर पर मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में इंटरव्यू कंडक्ट कराती हैं। यहां चयन होने के बाद वे खाड़ी देशों में मौजूद कंपनियों को कामगारों की जानकारी देती हैं। इसके बाद कंपनी की तरफ से बाई नेम वीजा जारी किया जाता है।
मेडिकल टेस्ट भी होता है
वर्किंग वीजा पर खाड़ी या फिर दूसरे देशों में काम करने के लिए मेडिकल टेस्ट भी होता है। मेडिकल टेस्ट पास किए बिना वीजा जारी नहीं होगा। कई बार आपको भारत में तो मेडिकल टेस्ट कराना होता ही है, इसके बाद सऊदी अरब या फिर यूएई पहुंचने के बाद वहां नए सिरे से मेडिकल टेस्ट देना होता है। मेडिकल टेस्ट में पास होने के बाद ही आपको काम पर रखा जा सकता है।
मेडिकल टेस्ट में गंभीर बीमारियों को ही ध्यान में रखा जाता है। चेस्ट का एक्सरे, ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट वगैरह होता है। अगर आपको कोई गंभीर रोग नहीं है तो मेडकिल टेस्ट में आमतौर पर पास कर दिया जात है। आपको अपने पासपोर्ट की वैलिडिटी चेक करनी चाहिए। इसी के आधार पर वर्किंग वीजा के लिए अल्पाई करें।