भारत में बड़ी संख्या ऐसे युवाओं की है, जो सऊदी अरब में काम करके परिवार की जिम्मेदरी को उठा रहे हैं। सऊदी अरब में जो भी लोग रोजगार से जुड़े हैं, उन्हें अकामा दिया जाता है। अकामा मिलने के बाद ही उन्हें काम पर रखा जाता है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि अकामा क्या है और काम पर रखने से पहले भारतीय कामगारों को अकामा क्यों दिया जाता है।
पासपोर्ट जमा कर दिया जाता है अकामा
सऊदी अरब में आप चाहे किसी बड़ी कंपनी में काम कर रहे हों, या फिर किसी कफील के मातहत हों, सभी को अकामा दिया जाता है। अकामा एक तरह से पासपोर्ट ही है। भारतीय कामगार जब सऊदी अरब पहुंचते हैं तो उनके पासपोर्ट को जमा करा लिया जाता है। पासपोर्ट की जगह पर सऊदी सरकार की तरफ से उन्हें एक शिनाख्ती कार्ड दिया जाता है, जिसे अकामा कहा जाता है। कामगारों को अकामा हर वक्त अपने पास रखना होता है। अगर उनके पास अकामा नहीं होगा तो पुलिस उन्हें हिरासत में ले लेती है।
अकामा के बिना नहीं घूम सकते
पासपोर्ट जमा करने के बाद भारतीय कामगारों को जो अकामा दिया जाता है, उसे अपने पास रखना जरूरी है। वही उनका पासपोर्ट है। काम पर जाएं या फिर घूमने के लिए कहीं बाहर निकलें, अपने पास अकामा रखना जरूरी है। सरकार की सख्त हिदायत है कि जो कामगारर बिना अकामा बाहर निकलें, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसलिए भारतीय कामगार बिना अकामा लिए घर से बाहर तक नहीं निकलते हैं।
वतन नहीं लौट पाते हैं
सऊदी अरब में बड़ी संख्या में ऐसे कामगार हैं, जो कई साल नौकरी करने के बाद भी घर नहीं लौट पा रहे हैं। कफील उन्हें पासपोर्ट वापस नहीं कर रहे हैं और बिना पासपोर्ट वतन वापसी नहीं हो सकती है। यही नहीं, पासपोर्ट जमा करने के बाद कफील भारतीय कामगारों से वीजा प्रोफाइल के विपरीत काम करा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी के पास इलेक्ट्रीशियन का वीजा है तो कफील उनसे इलेक्ट्रिक का काम न करवाकर जंगलों में ऊंट तक चराने को मजबूर कर रहे हैं।
वीजा प्रोफाइल के बारे में नहीं पता
सऊदी अरब में ज्यादातर काम करने वालों को अपने वीजा प्रोफाइल के बारे में नहीं पता होता है। एजेंट लोगों को कंपनी का वीजा बताकर सऊदी अरब ले जाते हैं और वहां जाकर किसी कफील के हवाले कर देते हैं। युवाओं को लगता है कि सऊदी अरब जाकर वे अपने हुनर के हिसाब से काम करेंगे, लेकिन वहां पहुंचने के बाद किसी से घर की सफाई तो किसी से गाड़ियों की सफाई कराई जाती है। चूंकि उनका पासपोर्ट पहले ही जमा करा लिया जाता है, इसलिए वे वहां से भाग भी नहीं सकते हैं।
अकामा नियम खत्म हो
हालांकि सऊदी अरब में अब अकामा नियम खत्म करने की बात हो रही है। भारतीय सरकार ने भी सऊदी अरब से इस नियम को खत्म करने की मांग की है। सरकारी नुमाइंदों का तर्क है कि अकामा के जरिए भारतीय कामगारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पासपोर्ट नहीं मिलने की वजह से लोग अपने मां-बाप की मिट्टी तक में नहीं पहुंच पाते हैं। काफील उन्हें छुट्टी नहीं देते हैं। लोगों ने कई बार सऊदी सरकार का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।
दूसरे देशों में नहीं है अकामा नियम
सऊदी अरब के अलावा यूएई, कतर, ओमान, कुवैत जैसे देशों में अकामा नियम नहीं है। यहां भारतीय कामगारों के पासपोर्ट जमा नहीं कराए जाते हैं। पासपोर्ट लोगों के पास ही रहते हैं, जिसकी वजह से वे जब चाहें भारत आ सकते हैं। यही वजह है कि ज्यादातर भारतीय अब सऊदी अरब की बजाय, दुबई, शारजाह, अबू धागी, कुवैत, ओमान जाना पसंद करते हैं। उन्हें यहां आजादी तो मिलती ही है, तमाम तरह की छूट भी मिलती है, जिसकी वजह से उन्हें पैसे कमाने के ज्यादा अवसर मिल रहे हैं।