कर्ज के बोझ से दबे किसानों को राहत देने के लिए झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल पर प्रति एकड़ पांच हजार रुपये का सहयोग दिया जाएगा। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी और वे योजना के तहत मिलने वाले रुपये से बीज व कीटनाशकों की खरीद कर सकेंगे और बिजली के बिल का भुगतान भी कर सकेंगे।
झारखंड में किसानों की हालत अन्य राज्यों की तुलना में काफी खराब है। यहां पर खेती अब भी बारिश पर ही निर्भर है। अगर एक सीजन अच्छी बारिश नहीं होती है तो फसल बर्बाद हो जाती है। किसान खेती के लिए बैंकों और साहूकारों से कर्ज लेकर फसल बोते हैं। फसल खराब होने पर वे कर्ज का भुगतान नहीं कर पाते हैं। ऐसे में साहूकार व बैंक उनको परेशान करते हैं। इसी वजह से किसान खेती छोड़कर मजदूरी करने लगे हैं। कर्ज की वजह से ही झारखंड में कृषि का उत्पादन लगातार गिरा है। राज्य सरकार को लगता है कि इसस मदद योजना से किसान फिर से खेती की तरफ लौटेंगे और बड़े शहरों की ओर उनका पलायन रुकेगा।
किसानों को बीज व कीटनाशक की खरीद के लिए उधार न लेना पड़े, इसलिए झारखंड की सरकार ने कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की है। इसका सीधा लाभ छोटे व सीमांत किसानों को मिलेगा। छोटे व सीमांत किसानों के पास एक एकड़ या इससे भी कम जमीन है। योजना का लाभ झारखंड के 22 लाख 76 हजार किसानों को मिलने की उम्मीद है। किसानों को खरीफ की फसल पर पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से भुगतान किया जाएगा।
रुपये सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में जाएंगे। इसके लिए किसानों के पास किसान कार्ड व बैंक अकाउंट का होना जरूरी है। किसानों के पास अगर बैंक अकाउंट व आधार कार्ड नहीं है तो देरी न करें। योजना का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द आधार कार्ड बनवाकर जनधन बैंक अकाउंट खुलवा लें। योजना की शुरुआत एक जनवरी 2019 से झारखंड में कर दी गई है। अब योजना का लाभ कैसे मिलेगा और इसके लिए आवेदन कैसे करना है, इसके बारे में विस्तार से जान लीजिए।
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की खास बातें
- यह योजना कर्ज में डूबे किसानों के हितों का ध्यान में रखते हुए लागू की गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 2250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हर जिले के लिए बजट का आवंटन कर दिया गया है।
- यह योजना उन किसानों के लिए है जिनके पास पांच एकड़ या इससे कम भूमि है। अगर किसान के पास पांच एकड़ भूमि है तो उसको सालाना 25 हजार रुपये मिलेंगे।
- खरीफ की खेती में मदद करने के उद्देश्य से राज्य सरकार पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से रकम सीधे उनके बैंक अकाउंट में भेजेगी।
- किसानों की सूची राज्य सरकार के पास पहले से है। यह भू अभिलेखों व किसान कार्ड के माध्यम से तैयारी की गई है।
- इस योजना से राज्य सरकार ने झारखंड की 45 लाख एकड़ कृषि भूमि को कवर कर लिया है। यानि 45 लाख एकड़ भूमि में खेती करने वाले किसान पांच हजार रुपये प्रति एकड़ खरीफ फसल पर पाने के हकदार हो गए हैं।
नियम व शर्तें
- यह योजना झारखंड के मूल निवासी छोटे व सीमांत किसानों के लिए है। दूसरे राज्यों के वे लोग जिन्होंने झारखंड में कृषि भूमि खरीदी है, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- किसानों को फार्म कृषि विभाग के कार्यालय के साथ ही कलेक्ट्रेट से भी मिल सकते हैं। फार्म को लेने के बाद इसको ध्यान से भरें और निर्धारित काउंटर पर जमा कर दें।
- किसानों को फार्म के साथ ही भूमि स्वामित्व का अभिलेख भी प्रस्तुत करना होगा। इससे सत्यापित होगा कि आवेदन करने वाला व्यक्ति ही खेत का असली मालिक है।
- किसान के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए। अगर अब तक बैंक अकाउंट नहीं खुलवाया है तो देरी न करें। तुरंत अपने घर के पास की किसी भी बैंक की शाखा में जाएं और जनधन अकाउंट खुलवा लें।
- बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करवाना जरूरी है। आधार से बैंक अकाउंट के लिंक न होने पर किसान को सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
- राज्य की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से किसानों के बैंक अकाउंट में जाएगी।
- डीबीटी की वजह से बिचौलियों के चंगुल में फंसने से किसान बच जाएंगे। जो रुपये उनकी मदद के लिए जारी किए जाएंगे, उसमें सरकारी अफसर, कर्मचारी या दलाल सेंध नहीं लगा पाएंगे।
- किसानों को फार्म के साथ राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए जारी किया गया कार्ड और आधार कार्ड भी लगाना होगा।
- लाभार्थी की सूची जारी करने के पहले सभी कागजात की जांच होगी ताकि लघु व सीमांत किसानो के लिए शुरू की गई योजना का लाभ गलत व्यक्ति न उठा सके।
- जांच करने के लिए क्षेत्र के राजस्व से जुड़े कर्मचारी स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे और दस्तावेजों की मूल कॉपी भी देखेंगे। इसलिए किसान सारे पेपर्स की ओरिजनल कॉपी भी अपने साथ रखें।
- अगर किसी कारण से किसान का नाम लाभार्थी सूची में नहीं है तो वे इसकी लिखित शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जांच के बाद उनका नाम लाभार्थी सूची में जोड़ दिया जाएगा।
जरूरी पेपर्स
- झारखंड का निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- भू अभिलेख
- किसान कार्ड
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
योजना का लाभ
- कृषि आशीर्वाद योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसानों को फसल लगाने के लिए कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।
- इससे वे राज्य सरकार की ओर से संचालित दुकानों से सस्ते दर पर बीज व खाद को खरीद सकेंगे।
- यह रकम उनको सहायता के तौर पर दी जाएगी। इसे उनको लौटाना नहीं होगा।
- साल में एक बार पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मिलने वाली मदद को किसान अन्य जरूरतों जैसे बिजली के बिल, पशुओं की देखभाल व कृषि उपकरणों की खरीद और मरम्मत पर खर्च कर सकेंगे।
- यह योजना सिर्फ एक साल के लिए नहीं है। हर साल खरीफ की फसल पर किसानों को पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से भुगतान किया जाएगा।