उत्तर प्रदेश में लोगों ने एक के बाद एक कई क्षेत्रों में कामयाबी हासिल की है। आईटी सेक्टर से लेकर इलेक्ट्रानिक्स तक में खुद की नई पहचान बनाई है। बावजूद इसके अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लोगों को अपनी जड़ें जमाने की जरूरत है। स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए किशोरी बालिका योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के तहत किशोरी बालिकाओं की हेत्थ का ख्याल तो रखा जाएगा ही, उन्हें जीवन में सफल होने के गुर भी सिखाए जाएंगे। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि यह योजना कब शुरू हुई और इस योजना से क्या-क्या फायदे उठा सकते हैं।
कब शुरू हुई किशोरी बालिका योजना
उत्तर प्रदेश किशोरी बालिका योजना की शुरुआत मार्च 2017-18 में हुई। योजना का मकसद किशोरी और बालिकाओं को न सिर्फ हेल्थ के प्रति जागरूक करना है, बल्कि उनके अंदर मौजूद पोषण की कमी को भी खत्म करना है। इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक सरकारी रिपोर्ट बताती है कि आज के बदलते दौर में भी महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है। युवतियों में तो इसकी और ज्यादा कमी है। यही वजह है कि ऐसी बालिकाओं को स्वस्थ बनाना ही इस योजना का मकसद है।
क्या है पोषण घटक
उत्तर प्रदेश किशोरी बालिका योजना के तहत 11 से 14 साल की उम्र की बालिकाओं को होम राशन या फिर हॉट कुक्ड मील याना खाना दिया जाएगा। इस योजना में फिलहाल उन्हीं लड़कियों को शामिल किया जा रहा है, जो पढ़ाई छोड़ चुकी हैं। होम राशन या हॉट कुक्ड आइटम में 18 ग्राम प्रोटीन, 600 ग्राम कैलोरी की मात्रा रहेगी। इसके अलावा उन्हें समझाया जाएगा कि वे ज्यादा से ज्यादा सूक्ष्म पोषक तत्वों का सेवन करें। इसकी वजह से उनकी सेहत तो ठीक रहेगी ही, दिनचर्या भी बेहतर हो जाएगा। सेहत ठीक रहेगी तो पढ़ाई में मन भी लगेगा।
क्या है गैर पोषण घटक
इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर पोषण घटक फार्मूला तैयार किया है। सरकार की तरफ से इस योजना के तहत किशोरी, बालिकाओं को स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी जाएगी। उनके लिए रेफरल सेवाएं भी शुरू की जाएंगी। उन्हें परिवार कल्याण परामर्श, मागदर्शन, बाल देखभाल, अभ्यास, जीवन कौशल शिक्षा के बारे में बताया जाएगा।
उनके लिए एक चार्ट तैयार किया गयाह है। हफ्ते में दो दिन इसी चार्ट के हिसाब से बालिकाओं को सरकारी से मिलने वाले लाभ के बारे में बताया जाएगा। उन्हें मौके पर ही इस तरह के लाभ से रूबरू भी कराया जाएगा। जानकारों के मुताबिक इस तरह के कामों से लड़कियां शारीरिक रूप से फिट रहेंगी। पोषण की कमी से गांव में आज भी बड़ी संख्या में बालिकाएं जूझ रही हैं। इस योजना से उन्हें काफी फायदा होगा।
दोबारा स्कूल जा सकेंगी
उत्तर प्रदेश किशोरी बालिका योजना के तहत उन बालिकाओं को लाभाविंत करने की तैयारी है, जो स्कूल में तो पढ़ती थी, लेकिन बाद में सेहत ठीक न रह पाने की वजह से स्कूल छोड़ चुकी हैं। इसलिए सरकार उनके लिए हेल्दी फूड का इंतजाम कर रही है। होम राशन की सुविधा मिलने के बाद सरकार को उम्मीद है कि पोषण की कमी से जूझ रही बालिकाओं की सेहत में सुधार आएगा। सेहत सुधरेगी तो उनके लिए दोबारा स्कूल जाने में मदद मिल सकेगी। एक अभियान के तहत बालिकाओं को दोबरा स्कूल जाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
आशा कार्यकर्तियों की अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश किशारी बालिका योजना में आशा कार्यकर्तियों की अहम भूमिका होगी। आशा कार्यकर्तियां घर-घर जाकर पहले तो ऐसी लड़कियों का पता लगाएंगी, जो सेहत ठीक न हो पाने की वजह से स्कल नहीं जा पा रही है। इसके बाद वे इस तरह की लड़कियों की सूची तैयार करेंगी। सूची के बाद बालिकाओं को इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। कार्यकर्तियां यूपी गवर्नमेंट की ओर से जारी गाइडलाइन के आधार पर लड़कियों को सेहत के प्रति जागरूक करने का काम करेंगी। इसके लिए गांव में बाकायदा तौर पर अभियान भी शुरू किया जाएगा।
इन पर भी होगा फोकस
- उत्तर प्रदेश किशारी बालिका योजना के तहत कुपोषण को संबोदित करने के लिए अलग-अलग परियोजनाएं बनाई जाएंगी।
- एक मजबूत अभिव्यक्ति तंत्र शुरू किया जाएगा, जहां युवतियां अपनी सेहत के बारे में आसानी से जानकारी हासिल कर सकेंगी।
- खास बात यह है कि इस योजना के तहत ब्लाक स्तर से लेकर गांवों स्तर तक पर एक मजबूत अभियान चलाया जाएगा।
- इसी तरह इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों की कार्यकर्तियों को भी जागरूक किया जाएगा, ताकि वे गांव की बालिकाओं को पोषण की कमी के बारे में बता सकें।
प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी
उत्तर प्रदेश किशारी बालिका योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को जागरूक तो किया जाएगा ही, उन्हें इस योजना पर काम करने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। पोषण की कमी से जूझ रही किशारी बालिकाओं की सूची बनाने, उन्हें कुपोषण से अवगत कराने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जानकारों के मुताबिक कुपोषण के ज्यादातर मामले गांव से ही आते हैं। इसलिए इसकी रोकथाम के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों की भूमिका अहम होगी। यही वजह है कि सरकार ने इन्हें प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किशारी, बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल सके।