राजस्थान सरकार गरीबों के लिए गंभीर है। किसानों से लेकर मजदूरों तक के लिए ढेर सारी योजनाएं तो शुरू की गई हैं, उनके खाने का भी इंतजाम किया जा रहा है। सरकार की तरफ से अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत गरीबों को पेट भर के खाना तो खिलाया जा रहा ही रहा है, उन्हें सेहत के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि अन्नपूर्णा रसोई योजना क्या है और आप इससे किस तरह फायदा हासिल कर सकते हैं।
इन शहरों लागू है अन्नपूर्णा रसोई योजना
राजस्थान सरकार की ओर से गरीबों के लिए शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई योजना के लिए शहरों का चयन भी कर लिया गया है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, डोंगरपुर, बंसावरा, प्रतापगढ़, बारन और झलावर में अन्नपूर्णा रसोई योजना संचालित की जा रही है। अलग-अलग शहरों के लिए वैन की संख्या भी तय की गई है। जयपुर के लिए 25 वैन तय की गई है, जिनपर गरीबों के लिए खाना तैयार किया जाता है। इसी तरह झलावर में छह वैन का चयन किया गया हैं, जिनपर गरीबों को खाना वितरित किया जा रहा है। इसी तरह जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और भारतपुर में पांच-पांच वैन का चयन किया गया है।
योजना का लाभ
योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है। रिक्श चलाने वाले, ऑटो ड्राइवर, रेढ़ी पर सामान बेचने वालों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इसी तरह मजदूरों को भी इस योजना के तहत लाभाविंत किया जा रहा है। रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि के भोजन का इंतजाम किया गया है। योजना की खास बात यह है कि सुबह नाश्ता करने के लिए लोगों को सिर्फ पांच रुपये अदा करना होगा। यानी पांच रुपये में उन्हें नाश्ता मिल जाएगा। इसी तरह आठ रुपये में खाने की थाली मिलेगी, जिनमें दाल, चावल, रोटी, कढ़ी वगैरह का इंतजाम किया गया है।
खाने में वैरायटी भी है
थाली में सिर्फ दाल, चावल और रोटी ही नहीं है, बल्कि इसके साथ आपको उपमा, ढोकला, नमकीन खिचड़ा, ज्वार की नमकीन, चूरमा, मक्का की नमकीन आदि व्यंजन का इंतजाम किया गया है। इसी तरह सुबह नाश्ते में आपको पोहा, सेवईं, इडली सांभर, लपसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा आदि चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा कई दूसरे मीन्यू भी हैं, जिनके तहत गरीबों के लिए लजीज नाश्ते का इंतजाम किया जाता है।
450 ग्राम भोजन सामग्री
सरकार गरीबों को अच्छा खाना तो खिला ही रही है, उनके पेट का भी ख्याल रखा जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि कोई भी पैसे के अभाव में भूखा न रहे। यही वजह है कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में तय किया गया है लोगों को हर हाल में 450 ग्राम भोजन सामग्री उपलब्ध कराया जाए। इसमें पौष्टिक आहार भी शामिल हैं। खास बात यह है कि पेट भरके खाना खिलाने की एवज में लोगों को से सिर्फ आठ रुपये प्रति थाली के हिसाब से पैसे लिए जा रहे हैं।
दूसरे प्रदेशों में भी योजना शुरू
तमिलनाडु और राजस्थान में इस योजना के सफलतापूर्वक संचालित होने के बाद कई दूसरे प्रदेशों में भी इसकी शुरुआत की गई है। उत्तर प्रदेश में भी गरीबों के लिए थाली की शुरुआत की गई है। यहां दस रुपये में गरीबों को भरपेट खाना खिलाया जा रहा है। इसी तरह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी थाली योजना की शुरुआत की गई, जिसकी वजह से लोगों को कम कीमत पर पेटभरके खाना मिल जा रहा है।